आंसू पोंछ कर मेरे
पीर ने हँसाया है मुझे,
मेरी हर गलती पर भी मेरे
पीर ने सीने से लगाया है मुझे,
यकीन क्यों न हो मुझे अपने पीर पर,
मेरे पीर ने हर हाल में जीना सिखाया है मुझे...
यह पीर का दर है यहाँ मनमानी नही होती,
यह बात भी पक्की है कि कोई परेशानी नही होती,
कई खुबियां है मेरे पीर में,
यूं ही दुनिया इनकी दीवानी नही होती......
पीर ने हँसाया है मुझे,
मेरी हर गलती पर भी मेरे
पीर ने सीने से लगाया है मुझे,
यकीन क्यों न हो मुझे अपने पीर पर,
मेरे पीर ने हर हाल में जीना सिखाया है मुझे...
यह पीर का दर है यहाँ मनमानी नही होती,
यह बात भी पक्की है कि कोई परेशानी नही होती,
कई खुबियां है मेरे पीर में,
यूं ही दुनिया इनकी दीवानी नही होती......
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