बुल्ले शाह का मानना था कि जिसे गुरु की शरण मिल जाए, उसकी ज़िन्दगी को सच्चाई की एक राह मिल जाती है। वे कहते हैं
बुल्ले शाह दी सुनो हकैत
हादी पकड़िया होग हदैत
मेरा मुर्शिद शाह इनायत
उह लंघाए पार
इनायत सभ हूया तन है
फिर बुल्ला नाम धराइया है
बुल्ले शाह दी सुनो हकैत
हादी पकड़िया होग हदैत
मेरा मुर्शिद शाह इनायत
उह लंघाए पार
इनायत सभ हूया तन है
फिर बुल्ला नाम धराइया है
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