गुरु गोविन्दसिंह जी चोरों के एक गावं में गये। वहां के लोगों से कहा की आप यह काम छोड़ दो।उन्होंने जवाब दिया कि यह नही छूट सकता ,गुरु साहिब ने कहा
। ”अच्छा, चोरी करो लेकिन
लिस्ट बनाते जाओ कि इतनी बार चोरी की है। ” उन्होनें मंजूर कर
लिया , अब जब लिस्ट बनती गई तो शर्म आने लगी । कहने लगे कि अब न चोरी करेंगे और न लिस्ट बनेगी, धीरे-धीरे सबने
चोरी छोड़ दी और महात्मा बन गये ।
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