एक व्यक्ति ने एक नया मकान खरीदा ! उसमे एक फलों का बगीचा भी था ।
उसके पडौस का घर पुराना था और उसमे कई लोग भी रहते थे !
कुछ दिन बाद उसने देखा कि पडौस के घर से किसी ने बाल्टी भर कूड़ा ,
कुछ दिन बाद उसने देखा कि पडौस के घर से किसी ने बाल्टी भर कूड़ा ,
उसके घर के दरवाजे के सामने डाल दिया है ।
शाम को उस व्यक्ति ने एक बाल्टी ली., उसमे अपने बगीचे के ताजे फल रखे और फिर
शाम को उस व्यक्ति ने एक बाल्टी ली., उसमे अपने बगीचे के ताजे फल रखे और फिर
पड़ौसी के दरवाजे की घंटी बजाई ! उस घर के लोगों ने जब झांककर देखा तो बेचैन हो गये और वो सोचने लगे कि ...वह शायद उनसे सुबह की घटना के लिये लड़ने आया है !
अतः वे पहले से ही तैयार हो गये और बुरा - भला , सोचने लगे !
मगर जैसे ही उन्होने दरवाजा खोला , उन्होंने देखा - रसीले ताजे फलों की भरी बाल्टी के साथ चेहरे पर मुस्कान लिए नया पडोसी सामने खडा था...! अब सब हैरान - परेशान थे !
उसने अंदर आने की इजाजत मांग घुसते ही कहा - " जो मेरे पास था , वही मैं आपके लिये ला सका ! "
यह सच भी है इस जीवन में ... जिसके पास जो है , वही तो वह दूसरे को दे सकता है.!
जरा सोचिये , कि आपके पास दूसरो के लिये क्या है..?
दाग तेरे दामन के धुले ना धुले . नेकी तेरी कही पर तुले ना तुले.!
मांग ले गल्तियों की माफी प्रभु से , क्या पता ये आँख कल खुले ना खुले ?
प्यार बांटो प्यार मिलेगा ...खुशी बांटो खुशी मिलेगी...
मगर जैसे ही उन्होने दरवाजा खोला , उन्होंने देखा - रसीले ताजे फलों की भरी बाल्टी के साथ चेहरे पर मुस्कान लिए नया पडोसी सामने खडा था...! अब सब हैरान - परेशान थे !
उसने अंदर आने की इजाजत मांग घुसते ही कहा - " जो मेरे पास था , वही मैं आपके लिये ला सका ! "
यह सच भी है इस जीवन में ... जिसके पास जो है , वही तो वह दूसरे को दे सकता है.!
जरा सोचिये , कि आपके पास दूसरो के लिये क्या है..?
दाग तेरे दामन के धुले ना धुले . नेकी तेरी कही पर तुले ना तुले.!
मांग ले गल्तियों की माफी प्रभु से , क्या पता ये आँख कल खुले ना खुले ?
प्यार बांटो प्यार मिलेगा ...खुशी बांटो खुशी मिलेगी...
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