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Mehfil-e-Sama: एक इबादत या Event ?

 


🔸 1. Mehfil-e-Sama की हकीकत क्या है?

Mehfil-e-Sama एक रूहानी इबादत है, जो सदीयों से सूफी संतों द्वारा की जाती रही है। यह सिर्फ गाने या बजाने की बात नहीं, बल्कि दिल की सफाई, अल्लाह की याद, और इश्क़-ए-इलाही में डूब जाने की अवस्था है।

🟢 इस Mehfil में होता है:

  • अल्लाह और रसूल ﷺ का जिक्र

  • कुरआनी आयतों व हदीसों से प्रेरित कलाम

  • अकीदे और अदब का पूरा पालन

  • दिल से की गई दुआ व फातिहा

  • वज्द और रूहानी कैफियत


🔸 2. आजकल की Qawwali Mehfil किस दिशा में जा रही है?

आज की Qawwali महफ़िलों का मक़सद अक्सर मनोरंजन, शोहरत और पैसा बन गया है। इस तरह की महफ़िलें रूहानी असर की बजाय धुन और मस्ती पर केंद्रित हो गई हैं।

🔴 समस्याएं जो दिखाई देती हैं:

  • तालियों और सीटियों से भरी महफ़िलें

  • नाच-गाने और फ़िल्मी धुनों की मिलावट

  • शरीअत और अदब का उल्लंघन

  • मेहमानों का ध्यान गाने पर, इबादत पर नहीं

  • कई बार ऐसी जगहों पर गलत चीजें भी होती हैं, जैसे शराब आदि


🔸 3. तुलनात्मक विश्लेषण: असली Sama vs आजकल की Qawwali

मुद्दाअसली Mehfil-e-Samaआजकल की Qawwali Mehfil
मक़सदइबादत और इश्क़-ए-इलाहीमनोरंजन और पैसा
कलामकुरआन, हदीस और अलीया का ज़िक्रमिक्स गीत और धुनें
शरीअत और अदबपूरी पाबंदीकई बार उल्लंघन
रूहानी असरदिल का सुकून और वज्दसिर्फ संगीत का प्रभाव
अंत (समापन)फातिहा और दुआसिर्फ तालियों के साथ खत्म

🔸 4. सही Sama Mehfil कैसी होनी चाहिए?

✅ शरीअत के दायरे में हो
✅ कलाम अल्लाह और रसूल ﷺ के इश्क में डूबा हो
✅ नियत साफ़ हो — सिर्फ रूहानियत के लिए
✅ अंत में दुआ और फातिहा जरूर हो
✅ कोई गलत हरकत, संगीत या मिलावट न हो


🔸 5. क्या हर Qawwali Sama होती है?

❌ नहीं। हर Qawwali Sama नहीं होती।
✔ Sama वही है जो रूह को सुकून दे, दिल को साफ़ करे, और अल्लाह की याद दिलाए।

अगर Qawwali का मक़सद सिर्फ तालियां, पैसे या दिखावा है — तो वो Sama नहीं, बस एक शो है।


🔚 नतीजा (Conclusion):

  • Mehfil-e-Sama एक इबादत है, न कि तमाशा।

  • असली Sama दिल को साफ करती है, न कि सिर्फ कान को लुभाती है।

  • Sama का मक़सद सिर्फ सुनना नहीं, रूह को बदलना है।

"Sama da maqsad sirf sunna nahi, balki ruh nu paak karna hai!"

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